ना हँसा ना रोया मेरा अतीत,
शायद खो गया है वह कहीं,या फिर भुला दिया है मैने कही,
लेकिन फिर भी मेहसूस कर रही हू,
आस-पास और हर कहीं....
क्यों मै देखू उसे समुन्द्र के बीचो-बीच,
सूरज की डूबती किरणों में,
हर कहीं तो है वो- मेरा अतीत,
कैसे जा सकता मुझसे दूर,
कैसे कोई ऱेह पाए इसे जुदा,
क्योंकि आज जो है,
वह कल केवल अतीत,अतीत और अतीत......
अतीत-Past.. only when I knew the meaning of अतीत was I able to appreciate it..
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