Monday, October 17, 2011

कौन है जिम्मेदार??????

पैसा.... पैसा.... पैसा....
ये है चीज़ ऐसा 
जो हर इंसान के 
सीने में है धड़कता

कभी अभिमान तो कभी इज्जत 
को है मरोड़ता
अरे छोड़ो ये तो रूह 
को है निचोड़ता 

पैसा पैसा पैसा लाता ऐसा फुआर 
दोस्ती को छोड़ो रिश्तो में लाता दरार 

 इसके आगे फिर भी है 
झुक रहे इंसान 
इसके लिए अपने आप को है  
बेच रहे इंसान  

थम कर देता है  ज़िन्दगी की हर रफ़्तार 
बढती इसकी इज्ज़त फिर भी  
तुगुनी हर बार 

इसके लिए आखिर कौन है जिम्मेदार??????
सवाल उठ रहा मन में बार बार........



4 comments:

  1. The enigmatic approach with Paisa Paisa Paisa really brings in the idiosyncratic nature of this poetry. Beautiful.

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  2. good one UP......:).....write more often

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